MUKTI NIRVANA, MOKSHA मुक्ति निर्वाण मोक्ष
मुक्ति आज रामू बहुत खुश था , कि आज मेरा जीवन सफल हो गया , क्योंकि आज ही मुझे गुरूजी से नामदान प्राप्त हुआ था। रामू सबको बता रहा था कि मेरी मुक्ति का रास्ता खुल चुका है , मैंने अमुक गुरूजी से नामदान प्राप्त किया है। उनका बड़ा नाम है , बड़े-बड़े अफसर उनके चेले हैं। मैं तो अल्प बुद्धि हूँ , जबकि वे तो सभी बुद्धिमान हैं , इसलिये उसकी खु शी का ठिकाना नहीं था कि आज वह भी इतने बड़े लोगों के समतुल्य हो गया है , वह भी इन बुद्धिमान लोगों की तरह ही मुक्त हो जायेगा। वह चाहता था कि सभी का भला हो , इसलिये सभी से कहता था कि आप भी मेरे गुरूजी से नामदान लेकन अपनी मुक्ति निष्चित कर लो। लेकिन उसके इतना कहने पर वे कहते कि नहीं हमारे गुरूजी सबसे विद्वान हैं , चमत्कारी हैं वे ही सबसे बड़े हैं। तो कोई अन्य कहता कि नहीं हमारे गुरूजी बहुत महान हैं , चमत्कारी हैं , असाध्य रोगों को भी ठीक कर देते हैं , उनके द्वारा दिया गया नाम ही मुक्त करा सकता है अन्य नाम से तो मुक्त हो ही नहीं सकते। उनकी बातें सुनकर उसकी खु शी छूमंतर हो गई और उसने एक के बाद एक बहुत से गुरू बद...