आहिंसा non violence, ahinsa
अहिंसा परमो धर्म अधिकांश धर्म/मतों में अहिंसा को सबसे बड़ा धर्म कहा गया है। ष्सत्य की महिमा तथा श्रेष्ठता सर्वत्र प्रतिपादित की गई है, परंतु यदि कहीं अहिंसा के साथ सत्य का संघर्ष घटित हाेता है तो सत्य की भी कसौटी अहिंसा ही है। अहिंसा ही सबसे अधिक महाव्रत कहलाने की योग्यता रखती है। अंहिसा सर्वथा सर्वदा सर्वभूतानामनभिद्रोहरू . व्यासभाष्यए योगसूत्र 2। 30द्ध। अहिंसा का अर्थ है सर्वकाल में कर्म, वचन मन से ही सब जीवों के साथ द्रोह न करना अहिंसा का सामान्य अर्थ है श्हिंसा न करना । इसका व्यापक अर्थ है . किसी भी प्राणी को तन, मन, कर्म, वचन और वाणी से कोई नुकसान न पहुँचाना। मन मे किसी का अहित न सोचना, किसी को कटुवाणी आदि के द्वार भी नुकसान न देना तथा कर्म से भी किसी भी अवस्था में, किसी भी प्राणी कि हिंसा न करना, यह अहिंसा है जैन दृष्टि से सब जीवों के प्रति संयमपूर्ण व्यवहार अहिंसा है। रागद्वेषात्मक प्रवृत्ति न करना, प्राणवध न करना या प्रवृत्ति मात्र का विरोध करना निषेधात्मक अहिंसा है, सत्प्रवृत्तिए स्वाध्यायए अध्यात्मसेव, उपदेश, ज्ञानचर्चा आदि आत्महितकारी व्यवहार विध्यात्मक अहिंसा है...