Posts

Showing posts from June, 2021

सूनलो जरा जो गीता में कहा ना सोचो तुम बुरा करो तुम सबका भला। तू काहे करता यह हेरा फेरी, यह माया तेरी है ना मेरी। यह राहे तज दे तू टेढी-मेढी है मानव काया राख की ढेरी।

 सर्वे भंवतु सुखिन: भाग -1  सुन लो जरा जो गीता में कहा  कृपया जो गुरू उपदेश के अनुरूप हो ग्रहण करें।  गीता का यह संदेश है कि  सत्कर्म सात्विकता ही आध्‍यात्मिक उन्‍नति की आधारशिला है। यदि आध्यात्मिक उन्नति के शिखर पर पहुंचना है तो मन में असुरत्‍व रूपी किसी भी तरह के  बूरे विचारों को प्रवेश करने से रोकना ही होगा  धनबल, भुजबल, ओहदे के मद में  मन, वाणी, काया से  कभी भी  किसी का भी  बुरा नही हो  इस बात का ध्यान रखना ही होगा  जहां तक सम्‍भव हो या तो भला ही करना चाहिए  यानी सत्कर्म हीं करने चाहिए अथवा यदि सम्‍भव नहीं हो तो तटस्‍थ रहना चाहिये  यानी यदि परहित के लिए सत्कर्म करने की क्षमता नहीं हो तो कम से कम दूसरों को क्षति पहुंचाने का दुष्कर्म तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए  यदि किसी  के आंसू नहीं रोक सकते हैं तो कम से कम किसी की आंख में आंसू लाने का कारण तो कदापि नहीं बनना चाहिए  यदि किसी के सुख का कारण नहीं बन सकते हैँ  तो  किसी के दुख का कारण तो कदापि नहीं बनना चाहिए इसीलिए कहां है  कबीरा ...

जरा तो सोच रे बन्दे खुदा को मुंह दिखाना है, यह दौलत और यह ताकत नहीं कुछ काम आना है, जहां से जायेगा प्यारे बुलावा आयेगा प्यारे बहुत पछतायेगा प्यारे। हिसाब अपना चुकाना है। अकेला ही तू आया था, अकेला ही तू जायेगा। किया जो दान पुण्य तूने वो तेरे काम आयेगा, यहीं सब छोड जाना है। गगन छूने चला है तू तूझे धरती पर सोना है, तेरी औकात ही क्या है तू मिट्टी का खिलौना है यह सच तुझ को बताना है। जिन्हें समझे है तू अपना वो तोडेंगे तेरा सपना, वचन ये याद तू रखना, यह सपना टूट जाना है। जरा तो सोच रे बन्दे खुदा को मुंह दिखाना है, यह दौलत और यह ताकत नहीं कुछ काम आना है,

  सर्वे भवंतु सुखिन:  जरा तो सोच रे बन्दे  खुदा को मुंह दिखाना है,  भाग-1 जरा तो सोच रे बन्दे  खुदा को मुंह दिखाना है,  यह दौलत और यह ताकत  नहीं कुछ काम आना है,  जहां से जायेगा प्यारे  बुलावा आयेगा प्यारे  बहुत पछतायेगा प्यारे।  हिसाब अपना चुकाना है।  अकेला ही तू आया था,  अकेला ही तू जायेगा।  किया जो दान पुण्य तूने  वो तेरे काम आयेगा,  यहीं सब छोड जाना है। गगन छूने चला है तू  तूझे धरती पर सोना है,  तेरी औकात ही क्या है  तू मिट्टी का खिलौना है  यह सच तुझ को बताना है।  जिन्हें समझे है तू अपना  वो तोडेंगे तेरा सपना,  वचन ये याद तू रखना,  यह सपना टूट जाना है। जरा तो सोच रे बन्दे  खुदा को मुंह दिखाना है,  यह दौलत और यह ताकत  नहीं कुछ काम आना है, लगातार -----भाग---2 सर्वे भवंतु सुखिन:  जरा तो सोच रे बन्दे  खुदा को मुंह दिखाना है,  भाग-2 जो गुरू उपदेश के अनुरूप हो ग्रहण करें। हमें अपने धन, बल, बुद्धि के अहंकार में ऐसा कोई कर्म / कोई कार्य नहीं कर...