ना लाया साथ कुछ बंदे, ना तेरे साथ जायेगा
सर्वे भवंतु सुखिन: 🌺 भाग-1 🌺 ना लाया साथ कुछ बंदे, ना तेरे साथ जायेगा 🌺 जो गुरू उपदेश के अनुरूप हो ग्रहण करें 🌺 ना लाया साथ कुछ बंदे, ना तेरे साथ जायेग मुट्ठी बांध कर आया, खाली हाथ जायेगा। तेरे ये महल चौबारे, यहीं रह जायेंगे सारे, तेरी माया के भंडार, ना जाये साथ में प्यारे, 🌺 इस संसार में जो भी जन्मता है, 🌺 जो कुछ भी उत्पन्न होता है 🌺 उसका केवन एक ही कारण है, 🌺 सकाम दुष्कर्म / कामना/वासना जनित कर्म । 🌺 जो भी इस संसार में पंचतत्व से निर्मित शरीर /आकृति के साथ उत्पन्न होता है 🌺 वह पंचतत्व से निर्मित शरीर स्वयं के कर्मों का ही परिणाम होता है 🌺 स्त्री, पुरूष, नपुसंक 🌺 पशु पक्षी 🌺 पेड पौधे 🌺 रंग रूप 🌺 सबल निर्बल 🌺 धनी निर्धन 🌺 सम्पन्न विपन्न 🌺 आदि सब कुछ कमों का ही परिणाम होता है। 🌺 यानि कि इस संसार में अधूरी अतृप्त कामना/वासना के कारण ही जन्म होता है और 🌺 यदि किसी विरले का मन ज्ञान के सम्पर्क में आने के बाद 🌺 अं...